Wednesday, October 27, 2010

कविता

सुलग रहे है शोले रामजन्म स्थल पर
भभक रही है ज्वाला अयोध्या के नाम पर
नतमस्तक है जिन चरणों पर पूरा देश
उस राम की सम्पूर्ण वंदना अभी रह गयी है शेष

जाग उठो अब मां भारती के संतान
करने को तैयार हो जाओ फिर भोले सा विषपान
ना जागे तो हो जायेगी मातृभूमि कलंकित
फिर ना कोई कर पायेगा इस देश को पुलकित॥
-अमल कुमार श्रीवास्तव

1 comment:

  1. bahut achchhi kavita hai... khas kar ye pankti

    "ना जागे तो हो जायेगी मातृभूमि कलंकित
    फिर ना कोई कर पायेगा इस देश को पुलकित॥"

    great work.. keep it up

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