Friday, June 3, 2011

बाबा रामदेव का भ्रष्टाचार के विरुद्ध हल्ला-बोल


देश में बढ़ रहें भ्रष्टाचार को खत्म करने  और विदेशों में जमा काला धन अपने देश में वापस लाने के मुद्दे पर अब देश के सारे बुद्धजीवियों के चुप्पी साधे रहने के बाद योग गुरु बाबा रामदेव ने इस मुद्दे की कमान अपने हाथों में लेते हुए ४ जून से दिल्ली स्थित जंतर - मंतर पर अनिश्चितकालीन उपवास  की घोषणा कर दी है  और स्पष्ट शब्दों में कहा है कि जब तक सरकार विदेशी बैंकों में जमा काला धन वापस नहीं लाती  तब तक वह उपवास नहीं तोड़ेंगे .देश के इतिहास में यह पहली बार है कि एक सन्यासी ने  देश की जनता की विकास व भारतमाता की व्यथा के समाधान के लिए सत्ता बल को अपने उपवास के नैतिक बल से चुनौती दी है। 

'भारतीय गरीब हो सकते हैं लेकिन भारत गरीब नहीं है ' यह कहना है स्विस बैंक के डायरेक्टर का और उन्होंने ने यह भी कहा है कि भारत का लगभग २८० लाख करोड़ रुपये (२८०,००,०००,०००,०००) उनके स्विस बैंक में जमा है .यह इतनी बड़ी रकम है कि देश के आने वाले ३० सालों का बजट बिना टैक्स के बनाया जा सकता है या यह भी कह सकते हैं कि ६० करोड़ रोजगार के अवसर दिए जा सकते है.अगर यह काला धन देश में वापस आ जाये तो ५०० से अधिक सामाजिक प्रोजेक्ट पूर्ण होने के साथ -साथ भारत के किसी भी गाँव से दिल्ली तक  लेन रोड बनाया जा सकता है.यही नहीं बल्कि यह रकम इतनी ज्यादा है कि अगर हर भारतीय को २०००  रुपये हर महीने भी दिए जाये तो ६० साल तक ख़त्म ना हो.इसका अर्थ यह है कि देश को किसी वर्ल्ड बैंक से लोन लेने की कोई जरुरत नहीं है.

अंग्रजों द्वारा भारत पर २०० साल तक राज कर देश का लगभग १ करोड़ रुपये लुटा गया लेकिन आज़ादी के मात्र ६४ सालों में देश के भ्रष्टाचारियों द्वारा २८० लाख करोड़ रूपया लुटा गया है . एक तरफ २००  साल में १  लाख करोड़ है और दूसरी तरफ केवल ६४  सालों में २८०  लाख करोड़ है अर्थात  हर साल लगभग ४.३७  लाख करोड़या हर महीने करीब ३६ हजार करोड़ भारतीय मुद्रा स्विस बैंक में इन भ्रष्ट लोगों द्वारा जमा करवाई गई है.जरा सोचिये … हमारे भ्रष्ट राजनेताओं और नोकरशाहों ने कैसे देश को लूटा है और ये लूट का सिलसिला अभी तक जारी है.

अन्ना हजारे के बाद अब बाबा रामदेव ने जब इस भ्रष्टाचार के विरुद्ध जंग छेड़ी तो देश की सत्ता पर काबिज कांग्रेस सरकार के साथ -साथ सभी भ्रष्टाचारियों के मध्य हलचल पैदा हो गयी है और सरकार के तीनों बंदरों के साथ सभी भ्रष्टाचारी उन्हें मनाने में जोड़ - तोड़ लगा दिए है .अब देखना यह है कि जिस सामाजिक सरोकार के मुद्दे को लेकर बाबा रामदेव अनशन पर बैठने जा रहें हैं वो कितना सफल साबित होता है ? या फिर कहीं अन्ना की ही तरह बाबा रामदेव के इस अनशन को भी राजनितिक दाव पेंच में ही उलझा कर रख दिया जायेगा ..... 





1 comment:

  1. amal ji सवाल यह है कि बाबा अपनी किन मांगों को पूरा करवा पाएंगे? एक मांग जन लोकपाल की है। इस मांग को लेकर अन्ना हजारे लगभग इसी जोशोखरोश के साथ दिल्ली पर चढ़ाई कर चुके हैं। अब अन्ना कह रहे हैं कि सरकार ने उन्हें धोखा दिया और रामदेव सरकार से बच कर रहें। उम्मीद करते हैं कि अन्ना की यह सीख रामदेव के काम आएगी।

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